मैं आरक्षण को सही मानता हूँ क्योंकि आरक्षण
हमारे समाज के शुद्र और अतिशूद्र के लोगों को एक मौका देता है । आगे बढने के लिए
क्या उनको मौका नहीं मिलना चाहिए...........???
जिनको हजारों-सालों से कभी पढ़ने नहीं दिया गया
। जिससे वो भी अन्य लोगों की तरह एकेडमिक
में जा सके...???? भारतीय
समाज ने तो सिर्फ तीन वर्ण को ही शुरू से प्राथमिकता दी हैं.....
अब जब स्वतन्त्र भारत में "बाबासाहब डॉ. भीम राव अम्बेडकर"
द्वारा निर्मित “भारतीय
संविधान” ने शुद्र और अतिशूद्र के लोगों को "आरक्षण" के माध्यम से आगे
बढने और विकास करने का एक मौका दिया तो आप जैसे लोगों को जलन होने लगी कहीं ये लोग
भी हमारे बराबर न आ जाए....जबकि सदियों से सारे संसाधनों और मानवीय अधिकारों पर
सिर्फ तीन वर्ण के लोगों का ही कब्ज़ा था तो क्या ये सवर्णों का आरक्षण नहीं था....???
जिससे समाज में असमानता की खाई पैदा कर दी
है....
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